Saturday, January 3, 2009

श्री रामकृष्ण ध्यान मंत्र

ॐ हृदय कमल मध्ये राजितम निर्बिकलपं ,सद -असद -अखिल -भेदातितम एक्स्वरुपम।
प्रकृति - बिकृतिशुनयम नित्य मानन्द मूर्तिम, बिमल परम हंसं रामकृष्णम भजामः॥

निरुपममति सुखस्मं निस्प्रपोंचम निरीहं , गगन सदृशमीशं सर्बभुतादी बासम।
त्रिगुन रहित -सच्चिद ब्रम्हरूपं बरेनयम,
बिमल परम हंसं रामकृष्णम भजामः॥

बितारितुमबतीर्नम ज्ञान भक्ति -प्रशान्तिः,प्रणय गलितचित्तं जीब दू:ख-असहिस्नुम ।
धृतसहज समाधिम चिन्मयम कोमोलांगम
बिमल परम हंसं रामकृष्णम भजामः॥